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Rewa news:कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में पूर्व सैनिक रैली और सम्मेलन!

Rewa news:कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में पूर्व सैनिक रैली और सम्मेलन!

 

 

 

 

 

रीवा. कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में पूर्व सैनिकों की रैली और समेलन आयोजित किया गया। मुय अतिथि लेटिनेंट जनरल पदम सिंह शेखावत ने कहा कि पूर्व सैनिक कभी रिटायर नहीं होता है। पूर्व सैनिक अपने अनुभव और अनुशासन का लाभ सिविल डिफेंस में दें। रीवा का भारतीय सेना में अप्रतिम योगदान है। रीवा में 7500 से अधिक पूर्व सैनिक हैं। यहां का सैनिक स्कूल शानदार है। इस स्कूल ने हमें वर्तमान सेना अध्यक्ष और नौसेना अध्यक्ष दिए हैं। उनके साथ-साथ सैकड़ों योग्य सैन्य अधिकारी भी रीवा सैनिक स्कूल से सेना को मिले हैं।

 

 

 

 

लेटिनेंट जनरल ने बताया कि अग्नि वीर योजना युवाओं के लिए बहुत लाभकारी है। अग्नि वीर बनने के बाद जो सैनिक सेवा से बाहर निकलेंगे उन्हें केंद्र सरकार के संस्थानों, राज्य सरकार के विभागों और बड़ी-बड़ी निजी कंपनियों में रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथिया कार्यक्रम, नेशनल वीरांगना सेवा केंद्र, नमन योजना और कॉल सेंटर के माध्यम से पूर्व सैनिकों की हर कठिनाइयां दूर की जा रही हैं। समारोह में प्रभारी कलेक्टर डॉ. सौरभ सोनवणे ने और अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी ने भी पूर्व सैनिक और वीर नारियों का त्याग और बलिदान को याद किया। पूर्व विधायक तथा पूर्व सैनिक लक्ष्मण तिवारी ने सैनिक स्कूल परिसर की जमीन पर खेती करने तथा पूर्व सैनिकों के लिए क्लब गठन का भी सुझाव दिया। समारोह में ऑपरेशन सिंदूर की झलक दिखाई गई। समारोह में कर्नल गगन नारंग, कल्याण संघ के अध्यक्ष चौधरी, ग्रुप कैप्टन सिद्धार्थ श्रीवास्तव, कर्नल सुरेंद्र कुमार, ब्रिागेडियर भूपेंद्र सिंह, सर्जेंट रमेश पाण्डेय, धर्मपाल चौधरी, ब्रिगेडियर टी. सुरेश सहित बड़ी संया में पूर्व सैनिक और शहीदों के परिजन उपस्थित रहे।

 

 

 

 

बनेगी बड़ी कैंटीन

लेटिनेंट जनरल ने भरोसा दिलाया कि रीवा में एक साल के भीतर जमीन लेकर सेना की विकसित और बड़ी कैंटीन बनाई जाएगी। वहां पूर्व सैनिकों को हर आवश्यक वस्तु मिल सकेगी। इसके साथ ही पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए प्रशासन के सहयोग से तहसील और ग्राम स्तर पर शिविर लगाएंगे।

 

 

 

 

पुस्तिका का विमोचन

समारोह में सैनिक कल्याण और पुनर्वास के लिए संपर्कों की जानकारी देने वाली पुस्तिका का विमोचन किया गया। साथ ही शहीदों की माता तथा वीर नारियों को शाल-श्रीफल और उपहार देकर समानित किया गया। दो पूर्व दिव्यांग सैनिकों को व्हीलचेयर प्रदान की गई

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